Sunday, June 28, 2020

व्यंग्य कथा सुनिए फादर्स डे, ग्रहण ,योग और उदास दिन।




इस शनिवार इर्द-गिर्द चैनल पर जाने-माने रचनाकार निर्मल गुप्ता की व्यंग्य कथा सुनिए- फादर्स-डे, ग्रहण ,योग और उदास दिन। आज सुनिए अपर्णा पात्रिकर से धारदार व्यंग्य कथा। हम यह भी कह सकते हैं कि हिंदी कहानी सुनिए।

रचना के दो अंश-
-बिटिया करतब दिखाएगी। देखोगे तो देखते रह जाओगे। कई दिन से हम लोगों ने कुछ खाया। खा-कमा लेने दो साहबजी। आदमी ने विनती की।
-चलचल कल आना। वे योगादि में बिज़ी हैं, तब तक तू हवा-पानी के सहारे सब्र कर। पिता-बेटी ने एक दूसरे की ओर देखा और उदासी का दुशाला लपेट वापस लौट चले।

Sunday, June 21, 2020

सुनिए प्रेरक हिंदी कथा सपने में देखा, मुझे स्वर्ग में स्थान मिलना चाहिए




सुनिए प्रेरक हिंदी कथा सपने में देखा, मुझे स्वर्ग में स्थान मिलना चाहिए

रबी आरोन लीब की लिखी हिंदी में कहानी सुनिए और धर्म के मर्म और कर्म के फल को समझने की कोशिश कीजिए। हिंदी कथा सपने में देखा सपने में स्वर्ग के द्वार पर प्रवेश पाने को आतुर महान आत्माओं से शुरू होती है। धर्म के मर्म और कर्मफल को विश्लेषित करती है यह नीति कथा। उम्मीद है आप इस प्रेरक कथा को आत्मसात कर जीवनमूल्यों को समझने की कोशिश करेंगे क्योंकि हर व्यक्ति यही चाहता है कि मुझे स्वर्ग में स्थान मिलना चाहिए।

Classic YouTube Hindi channel Ird Gird present a moral story in hindi. This translated short story in Hindi is an excellent inspirational short story.

Wednesday, June 17, 2020

हिंदी कविता सुनिए तालों के मुंह पर ताले हैं, क्या इस बार लौट कर आएंगे प...




इर्द-गिर्द पर अजय शर्मा से हिंदी कविता सुनिए- तालों के मुंह पर ताले हैं। उनकी गलियों में सन्नाटा है। लॉकडाउन में पलायन का सच है कि सारी गलियां हैं सूनी। कब तक भूखे रहते इसलिए मेहनतकश इस बार नंगे पांव भागे हैं। अहम सवाल उठाया है वरिष्ठ पत्रकार/कलमकार अजय शर्मा ने कि प्रवासी मजूदूर और हुनरमंद कारीगर क्या इस बार लौट कर आएंगे?
Classic YouTube hindi channel Ird-Gird present one of the best heart touching Hindi poem on lockdown's problems. This Hindi Poem on lockdown by Senior Journalist Ajay Sharma.

पुरालेख

तकनीकी सहयोग- शैलेश भारतवासी

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