tag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post6639342682295665729..comments2023-10-22T21:14:22.947+05:30Comments on इर्द-गिर्द: प्यार ने ढहाई मजहब की दीवारHari Joshihttp://www.blogger.com/profile/13632382660773459908noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-30136219403700274272009-01-02T22:01:00.000+05:302009-01-02T22:01:00.000+05:30दोनों का फैसला अपना है. सही कदम है. अगर उन्हें कोई...दोनों का फैसला अपना है. सही कदम है. अगर उन्हें कोई खतरा हो तो चंडीगढ़ आ सकते हैं.<BR/><BR/>मुकुंद <BR/><BR/>097814-97818मुकुंदhttps://www.blogger.com/profile/11660446752434479913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-36938527372868759212008-12-31T22:43:00.000+05:302008-12-31T22:43:00.000+05:30richa,an isloted incident can not do anything.none...richa,<BR/>an isloted incident can not do anything.none of the 17 comments tell the reaction of the other side.they refelect onesided version only. anyways it is a bold step of rajdeeep and khalida.<BR/>happy new year.निर्मल गुप्त https://www.blogger.com/profile/14476315180256137151noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-83107040721816410042008-12-31T14:56:00.000+05:302008-12-31T14:56:00.000+05:30नववर्ष की शुभकामनाएँनववर्ष की शुभकामनाएँVinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-16203446329842181672008-12-31T10:37:00.000+05:302008-12-31T10:37:00.000+05:30mazhab ki deewaron se upar hai prem aur iski atal ...mazhab ki deewaron se upar hai prem aur iski atal bhavan , lekin ghughuti ji ne bhi sahi kaha hai .<BR/><BR/><BR/><BR/>pls visit my blog for my poems. http://poemsofvijay.blogspot.com/<BR/><BR/>dhanyawad.<BR/><BR/>vijayvijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-1546002607056774392008-12-30T22:16:00.000+05:302008-12-30T22:16:00.000+05:30प्यार में होश खो देना नादानी है। एेसा ही इन्होंन...प्यार में होश खो देना नादानी है। एेसा ही इन्होंने किया । किंतु उम्र का तकाजा है आैर इसमें एेसा होता ही है। बच्चों की गलतियों का मां बाप को खमियाजा भुगतना पड़ता ही है। यह तो लव मैरिज की बात है। मैरिज के बाद दहेज उत्पीडन के आज आधे से ज्यादा मामले फर्जी दर्ज हों रहें है। इनमें तो मां बाप नही भाई, बहिन, बहनोइयों तक को जेल जाना पडृ रहा है। वैसे इन दोंनों को लडके के स्वालंबी होने का इंतजार करना चाहिए था! बीच में यह सब हुआ तो कहीं कुछ गड़बड़ जरूर था,हो सकता है कि लडकी के परिवार वाले पता चल गया हो एवं वह उसकी शादी कही आैर करने के चककर मे लग गए हों।bijnior districthttps://www.blogger.com/profile/02245457778160306799noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-71380859578569547732008-12-30T15:25:00.000+05:302008-12-30T15:25:00.000+05:30घुघूती जी ने सही बातें कही हैं। प्रेम विवाह का आधा...घुघूती जी ने सही बातें कही हैं। प्रेम विवाह का आधार होना चाहिए। लेकिन प्रेम को टिके रहने के लिए जीवन जीने का आधार भी होना चाहिए। दोनों विद्यार्थी हैं। खुद की आय का कोई साधन नहीं। एक के माता-पिता का विरोध और गृहस्थ जीवन जीने का कोई आधार नहीं। किस तरह प्रेम टिक पाएगा?Manvinderhttps://www.blogger.com/profile/11286649687914732408noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-31407645048715449812008-12-30T14:48:00.000+05:302008-12-30T14:48:00.000+05:30घुघुती जी से सहमत हूँ।जानकर कर अच्छा लगा कि आप महि...घुघुती जी से सहमत हूँ।<BR/>जानकर कर अच्छा लगा कि आप महिला मंच के लिए कार्य करती हैं।<BR/>शुबकामनाएँ!सुजाताhttps://www.blogger.com/profile/12373406106529122059noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-3380561076329014492008-12-30T11:41:00.000+05:302008-12-30T11:41:00.000+05:30time is the best healertime is the best healermakrandhttps://www.blogger.com/profile/14750141193155613957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-89223725183906875082008-12-30T10:43:00.000+05:302008-12-30T10:43:00.000+05:30majhab ki diwaro se pare bhi sochna hoga aur yah h...majhab ki diwaro se pare bhi sochna hoga aur yah hum yuvao ko hi karna hoga jab omar sachin aur sahrukh jese majhab ko mante hue dusre dharm ko apna sakta he to khalida (puja) aur rajdeep kayo nahiAvnish Freelancehttps://www.blogger.com/profile/16268143157889165128noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-37551087849586218122008-12-30T00:49:00.000+05:302008-12-30T00:49:00.000+05:30घुघूती जी ने सही बातें कही हैं। प्रेम विवाह का आधा...घुघूती जी ने सही बातें कही हैं। प्रेम विवाह का आधार होना चाहिए। लेकिन प्रेम को टिके रहने के लिए जीवन जीने का आधार भी होना चाहिए। दोनों विद्यार्थी हैं। खुद की आय का कोई साधन नहीं। एक के माता-पिता का विरोध और गृहस्थ जीवन जीने का कोई आधार नहीं। किस तरह प्रेम टिक पाएगा? <BR/><BR/>फिर आप समाज से अकेले टक्कर नहीं ले सकते इस के लिए आप को समाज में वातावरण निर्माण करने के लिए काम करना होता है। यदि वैसा किया गया होगा तो संघर्ष कर सकेंगे। <BR/><BR/>और लड़की के पिता यदि वकील हैं तो उन को समझना चाहिए कि कानून की पालना करना उन का सब से पहला कर्तव्य है। यदि उन्हों ने जानबूझ कर पुलिस को पुत्री की कम उम्र बता कर मुकदमा दर्ज करवाया है और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए उच्चन्यायालय ने जमानत मंजूर की है तो वहीं इस निर्देश के लिए भी आवेदन करना चाहिए कि वकील पिता के विरुद्ध पुलिस को गुमराह करने और अदालत के सामने फर्जी सबूत पेश करने का मुकदमा चलाया जाए। ऐसा करना अपने आप में जुर्म है। जिन को परेशान किया जा रहा है वे वकील साहब से हर्जाने की भी मांग कर सकते हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-70084698195352415932008-12-30T00:44:00.000+05:302008-12-30T00:44:00.000+05:30मज़हब! नही सिखाता आपस बेर रखना, बल्कि प्यार सिखाता ...मज़हब! नही सिखाता आपस बेर रखना, बल्कि प्यार सिखाता है, क्या यह सब बोलने की बाते है, एक दुसरे को कहने की बाते है?अगर बच्चो ने गल्ती की तो कोई बात नही अब मां बाप को आअगे कोई गलती नही करनी चाहिये, ओर जात धर्म भुल कर दोनो को सीने से लगाना चाहिये, अगर वो अपने बच्चो को प्यार करते है तब.<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-79104570503447138612008-12-30T00:28:00.000+05:302008-12-30T00:28:00.000+05:30उस बेचारी लङकी के पिता को ईश्वर सदबुद्धि दे, पुलिस...उस बेचारी लङकी के पिता को ईश्वर सदबुद्धि दे, पुलिस और अदालत में जाने से कुछ न होगा, कांग्रेस से मदद मांगनी चाहिये .. आखिर सेक्युलरिज़्म भी कोई चीज है, ऐसे कैसे कोई माइनारिटी को परेशान कर सकता है. हिन्दुस्तान आजाद मुल्क है.फ़्र्स्ट्रूhttps://www.blogger.com/profile/17470470570247665210noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-69482044850509739082008-12-29T23:42:00.000+05:302008-12-29T23:42:00.000+05:30बिल्कुल गलत किया । सबसे पहले तो उन्हें आत्मनिर्भर ...बिल्कुल गलत किया । सबसे पहले तो उन्हें आत्मनिर्भर होना चाहिए था। यदि दोनों ही धर्म बदलने को तैयार थे तो धर्म का कोई अर्थ ही नहीं था उनके लिए। वे या तो अपने अपने धर्म को मानते रहते या फिर किसी भी धर्म को ना मानते। भारत में लोग रजिस्टर्ड विवाह कर सकते हैं। जब दो धर्मों के लोगों में विवाह होता है तो जिसने धर्म बदला हो उसका परिवार नाराज हो जाता है। वैसे परिवार तो प्रेम करने से ही नाराज हो जाते हैं, चाहे वह एक ही धर्म के ही क्यों न हों। फिर भी यदि वे आत्मनिर्भर होकर विवाह करते तो लड़के के परिवार वालों को शायद जेल न जाना पड़ता। हमारे देश में यह विचित्र चलन है, प्रेम बच्चे करें और जेल लड़के के माता पिता जाएँ। प्रत्येक लड़के को इस बात का ध्यान रखना चाहिए। शायद किसी वकील से बात करके पहले ही से सारे सबूत दे दिए जाने चाहिए ताकि बाद में माता पिता पर आँच न आए। <BR/>आज के जमाने में हम यह भी नहीं कह सकते कि बच्चों को समझ नहीं होती। वे आए दिन ऐसे मामलों के बारे में अख़बारों में पढ़ते रहते हैं। प्रेम भी करें, विवाह भी करें परन्तु ऐसे कि कोई और उसके लपेटे में न आए। यदि आत्म निर्भर होते तो पागल समाज के ठेकेदारों से बचने को किसी अन्य शहर में भी रह सकते थे।<BR/>हाल ही में मैं अख़बार में पढ़ रही थी कि एक लड़की शादी के दिन भाग कर अपने प्रेमी के पास गई। प्रेमी ने सबसे पहले वकील से बात की और उसकी सलाह पर उस रात को उसे किसी सामाजिक संस्था में सुरक्षा दिलवाई ताकि अगले दिन विवाह की कार्यवाही की जा सके। लड़की इस बात से नाराज हो प्रेमी को भी छोड़कर चली गई। उसका कहना था जो मुझे एक रात को सुरक्षा नहीं दे सकता उससे विवाह क्यों करूँ? मेरे विचार से उसे समझना था कि प्रेमी न केवल प्रेम करता है अपितु समझदार भी है और दुनियादारी भी जानता है। मुझे तो लगा कि यदि वकील से सलाह ली और अपने को व अपने परिवार को अपहरण के मामले से बचाया तो गलत क्या किया ?<BR/>वर और वधू को पहले मानसिक व आर्थिक रूप से तैयार हो जाना चाहिए और तब ऐसा कदम उठाना चाहिए।<BR/>मेरे विचार में जैसे नागरिक शास्त्र व नैतिक शास्त्र में बहुत कुछ पढ़ाया जाता है वैसे ही यह भी बताया जाना चाहिए कि कब विवाह करें, कैसे करें और ऐसी स्थिति आने पर किसके पास जाएँ। कानून की नजर में कैसे निर्दोष रहकर विवाह किया जाए। झूठे मामले में फंसाने वाले माता पिता पर भी सख्त कार्यवाही का प्रावधान होना चाहिए।<BR/>यह तो सब भावुक बातें हुईं सही स्थिति तो कोई वकील ही बता पाएगा।<BR/>एक बात और, मैं प्रेम में विश्वास करती हूँ, धर्म में बहुत कम। परन्तु अपनी खुशी के लिए किस अन्य की जान दाँव पर लगाने में बिल्कुल भी विश्वास नहीं करती।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-87802523536534233292008-12-29T21:13:00.000+05:302008-12-29T21:13:00.000+05:30मज़हब! किसी और चीज़ की तरह यह भी ख़त्म हो जायेगामज़हब! किसी और चीज़ की तरह यह भी ख़त्म हो जायेगाVinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-46996949830922277312008-12-29T21:11:00.000+05:302008-12-29T21:11:00.000+05:30ये मजहबी दिवारें गिर चुके तो बेहतर हो !रामराम!ये मजहबी दिवारें गिर चुके तो बेहतर हो !<BR/><BR/>रामराम!ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-84636034020612500052008-12-29T21:06:00.000+05:302008-12-29T21:06:00.000+05:30ऋचा जोशी जीनमस्कारसबसे पहले इस संवेदन शील, साहसिक...<B>ऋचा जोशी जी<BR/>नमस्कार<BR/><BR/>सबसे पहले <BR/>इस संवेदन शील, साहसिक और ज्वलंत मुद्दे की बात ब्लागर्स के सामने लाने के लिए धन्यवाद<BR/><BR/>मेरी विचार धारा सदैव सकारात्मक रही है<BR/> अब जाती-पांति, उंच-नीच बातों के दिन लड़ गए हैं, ये साड़ी बातें बीते दिनों जैसी होती जा रही हैं , अब समाज को भी आगे बढ़ कर नए विचारों का स्वागत करना चाहिए<BR/>पुनान कहूँगा की "प्यार ने ढहाई मज़हब की दीवार" आलेख से लोग सकारात्मक सबक सीखें.<BR/><BR/>आपका <BR/>विजय </B>विजय तिवारी " किसलय "https://www.blogger.com/profile/14892334297524350346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-53492196001075114602008-12-29T20:10:00.000+05:302008-12-29T20:10:00.000+05:30संजीव जी से सहमत.संजीव जी से सहमत.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-22700523583772656712008-12-29T20:03:00.000+05:302008-12-29T20:03:00.000+05:30ये दीवारें तो एक दिन गिरनी ही हैं। पूजा के अब्बा ...ये दीवारें तो एक दिन गिरनी ही हैं। पूजा के अब्बा भी समझ ही जाएंगे।sanjeevhttps://www.blogger.com/profile/16665394417315368308noreply@blogger.com