tag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post6912560911688408245..comments2023-10-22T21:14:22.947+05:30Comments on इर्द-गिर्द: बटला हाउस के बहाने उठे कुछ सवालHari Joshihttp://www.blogger.com/profile/13632382660773459908noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-22547346819771191482008-10-07T21:05:00.000+05:302008-10-07T21:05:00.000+05:30joshi jee,atlast now i am able to comment on your ...joshi jee,<BR/>atlast now i am able to comment on your blog. really it is fabulous in style and content.निर्मल गुप्त https://www.blogger.com/profile/14476315180256137151noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-22419965461387203882008-10-04T08:52:00.000+05:302008-10-04T08:52:00.000+05:30Vyapar kaon nai karta is duniya me. Aisa vyapar ji...Vyapar kaon nai karta is duniya me. Aisa vyapar jisase logo ko phayda ho use karne me koi nuksan nahi hai.. <BR/><BR/>Regards.<BR/>http://ashver.blogspot.com/VerAshhttps://www.blogger.com/profile/16612570081334618360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-23636959781148857962008-10-04T06:52:00.000+05:302008-10-04T06:52:00.000+05:30अनुराग जी को उनकी सार्थक एवं महत्वपूर्ण टिप्पणी के...अनुराग जी को उनकी सार्थक एवं महत्वपूर्ण टिप्पणी के लिये बधाई..<BR/>वैसे मैं बहुमत के साथ हूं..योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-53897694610702539122008-10-04T02:19:00.000+05:302008-10-04T02:19:00.000+05:30बटला हाउस एनकाउंटर में जो कुछ भी हुआ, अभी से उस बा...बटला हाउस एनकाउंटर में जो कुछ भी हुआ, अभी से उस बारे में कोई राय बनाना बेमानी होगी। सच सामने आएगा। पुलिस अधिकारियों के रोजाना के बयानों को अगर आप एक जगह रख लें और उनका विश्लेषण करें तो आपको नतीजे पर आपको पहुंचते देर नहीं लगेगी। लेकिन अदालत में जरा इस मामले को चलने तो दीजिए, सारी बातें सामने आएंगी। अदालत पर हमें विश्वास करना चाहिए। जहां तक आतंकवादियों की बात है, उनके बारे में इस बहस में और तमाम लोग कह चुके हैं कि एसे लोगों का न कोई मजहब होता है न देश होता है। भला कौन इस बात को नहीं मानेगा।हिन्दीवाणीhttps://www.blogger.com/profile/07941990914773155980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-79787977927032130442008-10-03T22:46:00.000+05:302008-10-03T22:46:00.000+05:30हरि जी,मेरा तो मानना है कि मसला चाहे कोई भी हो, अग...हरि जी,<BR/>मेरा तो मानना है कि मसला चाहे कोई भी हो, अगर उसमें बहस की गुंजाइश हो, तो बहस होनी चाहिए। फिर चाहे वो धमाकों की बात हो या उसके बाद हुए एनकाउंटर की। आखिर बहस-मुबाहिसों से भाग कर क्या मिलेगा? ये तो शुतुरमुर्ग वाली बात ही होगी। लेकिन बहस में एक बात का ध्यान रखना भी ज़रूरी है। वो ये कि प्रगतिशीलता के नाम पर किसी संप्रदाय विशेष को कोसना और राष्ट्रीयता के नाम पर दूसरे को, ये भी ठीक नहीं है। मैंने अक्सर देखा है कि बड़े से बड़े लोग भी गंभीर मसलों पर बात करते हुए तटस्थ नहीं रह पाते हैं।सुप्रतिम बनर्जीhttps://www.blogger.com/profile/16272872839681422930noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-22937213721581290002008-10-03T21:18:00.000+05:302008-10-03T21:18:00.000+05:30बहुत कुहासा है...लोग समझना नहीं चाहते ...बुद्धिजीव...बहुत कुहासा है...लोग समझना नहीं चाहते ...<BR/>बुद्धिजीवी शब्द में भी बड़ा घालमेल है...धर्म, आतंक, नस्लवाद, सरकार, कानून...<BR/>कुछ भी अपनी जगह पर नहीं...अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-62339316317038413752008-10-03T20:37:00.000+05:302008-10-03T20:37:00.000+05:30जोशी जी मै मानता हूँ देश जिस तरह से ईस वक़्त धुंध ओ...जोशी जी मै मानता हूँ देश जिस तरह से ईस वक़्त धुंध ओर संदेह के बादलो से गुजर रहा है उस समय सवालों को नजर अंदाज नही करना चाहिए ,निसंदेह इस वक़्त देश का प्रबुद्ध नागरिक दुखी है ,हताश है ,उसे हर मुस्लिम आतंकवादी नजर नही आता ...न ही वो किसी ब्लास्ट को आम मुस्लिम से जोड़ता है ..मै मानता हूँ की बहुसंख्यक समाज को ओर धैर्य की जरुरत है ओर अल्पसंख्यक समाज को एक कदम बढ़ाने की .....<BR/>सच पूछिए तो मै भी देश के उन हजारो नागरिको की तरह हूँ जो कभी बटला हाउस नही गये ...लेकिन जाहिर है जब सवाल उठते है तो कई बार हैरानी होती है क्यों सवाल इतनी जल्दी उठ गये ?<BR/>मुझे ऐतराज उन तथाकथित बुद्दिजीवियों के छदम क्रान्तिकारो उदगारों से होता है जहाँ वे कुछ घंटे बाद ही एक शहीद के चरित्र पर ऐतराज उठाकर उसके पूर्व के एन्कोउन्टर पर सवाल उठाने लगते है ...जबकि अभी कुछ भी साफ़ नही हुआ है ..क्या जम्मू के एन्कोउन्टर में दो आतानाक्वादी भाग नही गये थे ?मुझे ऐतराज इस बात से होता है की किसी भी मुस्लिम बुद्दिजीवी ने छाती ठोककर एक भी शब्द शर्मा के लिए नही बोला ?क्यों ?शिकायत ही क्यों ?क्या समझदारी भरी चुप्पी हर बेमारी का इलाज़ है ?शबाना जी आजमगढ़ मामले में सामने आती है पर राज ठाकरे के ख़िलाफ़ कुछ नही बोलती ?क्यों ?<BR/>ऐसा क्यों है की प्रसून ,रविश ,ओर कई पत्रकार बिना डरे इस एन्कोउन्टर पर सवाल उठाते है ....तो दूसरे मुद्दे पर क्यों मुस्लिम बुद्दिजीवी सामने नही आते ?नसीर जब बोलते है तो दिल में खुशी होती है....क्यूंकि वो बिना लाग लपेट के बोलते है ? <BR/>..मेरे बेस्ट friends में से एक मुस्लिम है जिसकी शादी तक में हमने गवाही दी थी ...(उसने लव मेरिज की थी )जिस शनिवार दिल्ली में बम विस्फोट हुए .उसी रात मैंने उसके साथ अत्ता मार्केट में करीम के सामने एक सिगरेट पी थी वो एयरटेल में काम करता है.....हमने खुलकर हर मुद्दे पर बहस की है ओर आज भी १५ सालो बाद हमारी दोस्ती उसी तरह कायम है ..वो पांचो वक़्त की नामाज नही पढता .जैसे मुझे मन्दिर गये ज़माना गुजर गया ....पर मेरी तरह वो भी रोता है ....उसे भी इस देश से इतना ही प्यार है....उसे भी बुखारी से ठीक वैसी ही नफरत है जैसे मुझे तोगडिया से ....उसे भी शाहबुद्दीन वैसा ही लगता है जैसा राज ठाकरे मुझे......<BR/>पर हम किसी बहस को लंबा खींचेगे तो तल्खिया ज्यादा बढेगी....ओर तल्खिया यही अलगाव वादी चाहते है .....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-45258552771251701062008-10-03T18:52:00.000+05:302008-10-03T18:52:00.000+05:30हरी भाई , पुलिश की कार्य शेली पर सवाल उठाये जा सकत...हरी भाई , पुलिश की कार्य शेली पर सवाल उठाये जा सकतें है , बाटला हाउस की मुटभेड के तरीके पर भी सवाल उठाये जा सकतें है हो सकता पुलिस ने इसमे कुछ लापरवाही की हो या होड़ की वजह से इंस्पेक्टर शर्मा ने जल्द बाजी कर कोई गलती की हो जिसकी सजा वो अपनी जान देकर भुगत चुकें है लेकिन इस मुटभेड को अन्य मुत्भेडों की तरह नही फर्जी तो नही माना जा सकता ,मुटभेड में शामिल सैफ पुलिस के पास जिन्दा है और ये मुटभेड फर्जी होती तो मेरे ख्याल से पुलिस सैफ को कतई जिन्दा नही छोड़ती |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-88217398779252838672008-10-03T12:29:00.000+05:302008-10-03T12:29:00.000+05:30AAP YE BATAAIE KI EK AATANKVAADI KE MAARE JAANE KE...AAP YE BATAAIE KI EK AATANKVAADI KE MAARE JAANE KE BAAD ITNAA HALLA KYON HO RAHAA HAI. EED KEE NAMAAZ MEN BHEE TAQREEREN HO RAHEEN HEIN KI SARKAAR NE HATYAAYEN KARAAIN. KYAA YE AATANKBAAD KO PROTECTION DENAA NAHEEN HEINAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-66041200532199542902008-10-03T08:49:00.000+05:302008-10-03T08:49:00.000+05:30आप लोगों के चश्में का नंबर पुराना हो गया है। आप स...आप लोगों के चश्में का नंबर पुराना हो गया है। आप सख्ती होन नहीं देंगे। कोई आतंकवादी मारा जाएगा तो मानवाधिकार की बाते करेंगे। मैं पूछता हूं कि यदि दूसरों की जान लेने वालों को पुलिस ने पकड़ कर भी मार दिया तो क्या नेक काम नहीं किया।sanjeevhttps://www.blogger.com/profile/16665394417315368308noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-33582375839885142262008-10-02T23:52:00.000+05:302008-10-02T23:52:00.000+05:30joshiji,vaicharik manthan sey hi blog ki sarthakta...joshiji,<BR/>vaicharik manthan sey hi blog ki sarthakta hai.<BR/><BR/>aapki icha key mutabik nai pot main gazal likh di hai.Dr. Ashok Kumar Mishrahttps://www.blogger.com/profile/01184710406024316074noreply@blogger.com