tag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post2465784898697567182..comments2023-10-22T21:14:22.947+05:30Comments on इर्द-गिर्द: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की प्रेम कविता चले नहीं जाना बालमHari Joshihttp://www.blogger.com/profile/13632382660773459908noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8541976845351444163.post-15440258086769531982019-03-03T23:58:26.566+05:302019-03-03T23:58:26.566+05:30सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की यह शानदार प्रेम कविता है...सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की यह शानदार प्रेम कविता है। आनंद आ गया। पर आज के दौर में यह मनुहार कल्पित ही है। प्रभावित करता है आपका वाचन।Vandana Agarwalhttps://www.blogger.com/profile/00052334239015325172noreply@blogger.com