Saturday, November 30, 2019

Hindi Ghazal, Poem by Famous Hindi Poet Adam Gondvi on IRD GIRD




अदम गोंडवी की हिंदी कविता 'काजू भुने प्लेट में विस्की गिलास में मूलतः नए जमाने की हिंदी ग़ज़ल है, जिसमें वर्तमान राजनीतिक हालातों का भी चित्रण, लोकतंत्र में पनपी गंदी राजनीति और बग़ावत के सुर भी मौजूद हैं। अदम गोंडवी के बगावती शेर इस ग़ज़ल या क्रांतिकारी कविता को आम आदमी की कविता बनाते हैं। क्लासिक यूट्यूब चैनल इर्द-गिर्द पर अदम साहब की इस रचना का पाठ सुनिए हरि शंकर जोशी से जो हरि जोशी के नाम से जाने जाते हैं।


अदम गोंडवी की हिंदी ग़ज़ल

काजू भुने प्लेट में विस्की गिलास में
उतरा है रामराज विधायक निवास में

पक्के समाजवादी हैं तस्कर हों या डकैत
इतना असर है खादी के उजले लिबास में

आजादी का वो जश्न मनाएँ तो किस तरह
जो गए फुटपाथ पर घर की तलाश में

पैसे से आप चाहें तो सरकार गिरा दें
संसद बदल गई है यहाँ की नखास में

जनता के पास एक ही चारा है बगावत
यह बात कह रहा हूँ मैं होशो-हवास में

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