आजकल सबसे ज्यादा तालिबानियों की चर्चा है। कोई भी अखबार या न्यूज चैनल तालिबानियों की चर्चा या खबर/अ-खबर के बगैर पूरा ही नहीं होता। खबर हो या न हो लेकिन तालिबानी जरूर होते हैं। वैसे तालिबानी होना अब एक मुहाबरा बन गया है। अब हर जगह तालिबानी याद आते हैं। बैंगलौर के पव में युवक-युवतियों की धुनाई हुई तो तालिबानी याद आए। वेलेंटाइन डे या वीक हो तो भी तालिबानी। जी हां! प्यार के तालिबानी। ...चलिए हम भी आज प्यार के तालिबानियों की चर्चा करते हैं।
वेलेंटाइन डे से पहले प्रेमी युगलों में जबरदस्त उत्साह है, वहीं प्यार के तालिबानियों ने मेरठ में कमर कस ली है। इस बार प्यार के इन तालिबानियों ने एक अनोखा फरमान सुनाया है। इस फरमान के मुताबिक प्रेम पर पहरा देने वाले लोग वेलेंटाइन डे पर अपने साथ हवनकुंड लेकर चलेंगे और इन्हें जहां भी अविवाहित प्रेमी युगल वेलेंटाइन डे सेलीब्रेट करते मिलेंगे, वहीं उन्हें पकड़कर सात फेरे करवा दिए जाएंगे। इसी तरह कुछ मंडलियां प्रेमी युगलों को मुर्गा बनाने और पिटाई करने का ऐलान कर रही हैं लेकिन इस सब के बावजूद प्रेमी युगल वेलेंटाइन वीक मनाते हुए अपनी लीलाओं में मस्त हैं।
मेरठ के गांधी बाग में करीब चार साल पहले उत्तर प्रदेश पुलिस के वीर जवानों ने ऑपरेशन मजनू चलाकर प्रेमी युगलों में थप्पड़ बजाए थे। युवक-युवतियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था। पुलिस की महिला नेत्रियां प्रेमी युगलों को पकड़ने के लिए ऐसे भागी थीं जैसे ओलंपिक की रेस में दौड़ लगा रहीं हों लेकिन आज यहां का नजारा बिल्कुल अलग है। एक बार फिर ये गांधी बाग फिर प्रेमी युगलों से आबाद है। जिसने भी ऑपरेशन मजनु की तस्वीरें देखी होंगी वह यह सोच भी नहीं सकता था कि मेरठ के गांधी बाग को प्रेमी युगल फिर से हरा-भरा कर देंगे। एक-दो नहीं बल्कि सुबह से शाम तक दर्जनों जोड़े आजकल इस पार्क में आ जा रहे हैं। यही हाल शहर के दूसरे ऐसे स्थलों और मॉल्स का है, जहां वेलेंटाइन वीक के रोज डे से लेकर किस डे तक परमानंद अवस्था में सेलीब्रेट हो रहे हैं लेकिन प्यार के तालिबानियों के फरमान से ये लोग थोड़ा विचलित हैं और ऐसे फरमानों को अधिकारों पर हमला मान रहे हैं।
एक तरफ प्रेमी युगल प्रेम के इजहार से लेकर प्रेम लीलाओं में मस्त हैं वहीं प्यार के तालिबानी कहे जाने वाले संगठनों ने इसे विदेशी अपसंस्कृति कहकर जनजागरण शुरु कर दिया है। बजरंग दल ने शहर भर में होर्डिंग्स लगवाएं हैं जिसमें वेलेंटाइन वीक में पड़ने वाले दिवसों की अनुवाद कर बताया है कि इनके मायने क्या हैं। शहर भर में पर्चे भी बांटे जा रहे हैं और चेतावनी भी कि यदि कोई प्रेमी युगल सार्वजनिक स्थलों पर घूमता पाया गया तो उनकी मंडलियां वहीं पकड़कर उनके घरवालों को बुलवाएगीं और शादी कर कन्यादान भी बजरंग दल के लोग करेंगे। बजरंग दल की टोलियां वेलेंटाइन डे पर अपने साथ हवनकुंड लेकर निकलेंगी और साथ-साथ घूम रहे अविवाहित युवक-युवतियों को पकड़कर सात फेरे करा देंगी। बजरंग दल जहां प्रेमी युगलों का घर बसाने का फरमान लेकर मैदान में है तो शिव सेना उन ग्रीटिंग्स और अन्य सामग्री की होली जलाने का ऐलान कर चुका है जिसमें युवक-युवतियों की चुंबन लेते या बांहों में बांहें डाले तस्वीरें होंगी। साथ ही शिव सेना शादी नहीं कराएगी बल्कि अपने परंपरागत तरीके से इन युगलों को मुर्गा बनाकर धुनाई भी करेगी।
बजरंग दल ने शहर भर में जनजागरण के लिए जो पर्चे बटबाए हैं उसमें फ्रेगन्स डे को खुशबू देने का दिन, टेडी डे को खिलौने देने का दिन, प्रपोज्ड डे को दोस्ती करने का दिन, रोज डे को गुलाब देने का दिन, डेट डे को झूठ बोलकर यार के साथ जाने का दिन, चाकलेट डे को एक-दूसरे को झूठी चॉकलेट खिलाने का दिन, स्लेब डे को अश्लीलता के साथ एक-दूसरे को चांटे मारने का दिन, हग डे को बांहो में बांहें डालने का दिन, किस डे यानी चुंबन का दिन, वेलेंटाइन डे यानी बचा खुचा काम करने का दिन और फोरगिवनेस डे यानी मजे लेकर छुटकारा पाने का दिन बताया गया है। बजरंग दल का कहना है कि हम किसी युगल को छुटकारा नहीं लेने देंगे और उनकी पकड़े जाने पर शादी कराई जाएगी।
हमारे कई मित्र बजरंग दल के इस कदम को विरोध का सकारात्मक तरीका मानते हैं। आपकी क्या राय है; खुलकर इजहार कीजिएगा क्योंकि मेरठ तो एक प्रतीक है लेकिन मुद्दा समूचे समाज और राष्ट्र से जुड़ा है।
वेलेंटाइन डे से पहले प्रेमी युगलों में जबरदस्त उत्साह है, वहीं प्यार के तालिबानियों ने मेरठ में कमर कस ली है। इस बार प्यार के इन तालिबानियों ने एक अनोखा फरमान सुनाया है। इस फरमान के मुताबिक प्रेम पर पहरा देने वाले लोग वेलेंटाइन डे पर अपने साथ हवनकुंड लेकर चलेंगे और इन्हें जहां भी अविवाहित प्रेमी युगल वेलेंटाइन डे सेलीब्रेट करते मिलेंगे, वहीं उन्हें पकड़कर सात फेरे करवा दिए जाएंगे। इसी तरह कुछ मंडलियां प्रेमी युगलों को मुर्गा बनाने और पिटाई करने का ऐलान कर रही हैं लेकिन इस सब के बावजूद प्रेमी युगल वेलेंटाइन वीक मनाते हुए अपनी लीलाओं में मस्त हैं।
मेरठ के गांधी बाग में करीब चार साल पहले उत्तर प्रदेश पुलिस के वीर जवानों ने ऑपरेशन मजनू चलाकर प्रेमी युगलों में थप्पड़ बजाए थे। युवक-युवतियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था। पुलिस की महिला नेत्रियां प्रेमी युगलों को पकड़ने के लिए ऐसे भागी थीं जैसे ओलंपिक की रेस में दौड़ लगा रहीं हों लेकिन आज यहां का नजारा बिल्कुल अलग है। एक बार फिर ये गांधी बाग फिर प्रेमी युगलों से आबाद है। जिसने भी ऑपरेशन मजनु की तस्वीरें देखी होंगी वह यह सोच भी नहीं सकता था कि मेरठ के गांधी बाग को प्रेमी युगल फिर से हरा-भरा कर देंगे। एक-दो नहीं बल्कि सुबह से शाम तक दर्जनों जोड़े आजकल इस पार्क में आ जा रहे हैं। यही हाल शहर के दूसरे ऐसे स्थलों और मॉल्स का है, जहां वेलेंटाइन वीक के रोज डे से लेकर किस डे तक परमानंद अवस्था में सेलीब्रेट हो रहे हैं लेकिन प्यार के तालिबानियों के फरमान से ये लोग थोड़ा विचलित हैं और ऐसे फरमानों को अधिकारों पर हमला मान रहे हैं।
एक तरफ प्रेमी युगल प्रेम के इजहार से लेकर प्रेम लीलाओं में मस्त हैं वहीं प्यार के तालिबानी कहे जाने वाले संगठनों ने इसे विदेशी अपसंस्कृति कहकर जनजागरण शुरु कर दिया है। बजरंग दल ने शहर भर में होर्डिंग्स लगवाएं हैं जिसमें वेलेंटाइन वीक में पड़ने वाले दिवसों की अनुवाद कर बताया है कि इनके मायने क्या हैं। शहर भर में पर्चे भी बांटे जा रहे हैं और चेतावनी भी कि यदि कोई प्रेमी युगल सार्वजनिक स्थलों पर घूमता पाया गया तो उनकी मंडलियां वहीं पकड़कर उनके घरवालों को बुलवाएगीं और शादी कर कन्यादान भी बजरंग दल के लोग करेंगे। बजरंग दल की टोलियां वेलेंटाइन डे पर अपने साथ हवनकुंड लेकर निकलेंगी और साथ-साथ घूम रहे अविवाहित युवक-युवतियों को पकड़कर सात फेरे करा देंगी। बजरंग दल जहां प्रेमी युगलों का घर बसाने का फरमान लेकर मैदान में है तो शिव सेना उन ग्रीटिंग्स और अन्य सामग्री की होली जलाने का ऐलान कर चुका है जिसमें युवक-युवतियों की चुंबन लेते या बांहों में बांहें डाले तस्वीरें होंगी। साथ ही शिव सेना शादी नहीं कराएगी बल्कि अपने परंपरागत तरीके से इन युगलों को मुर्गा बनाकर धुनाई भी करेगी।
बजरंग दल ने शहर भर में जनजागरण के लिए जो पर्चे बटबाए हैं उसमें फ्रेगन्स डे को खुशबू देने का दिन, टेडी डे को खिलौने देने का दिन, प्रपोज्ड डे को दोस्ती करने का दिन, रोज डे को गुलाब देने का दिन, डेट डे को झूठ बोलकर यार के साथ जाने का दिन, चाकलेट डे को एक-दूसरे को झूठी चॉकलेट खिलाने का दिन, स्लेब डे को अश्लीलता के साथ एक-दूसरे को चांटे मारने का दिन, हग डे को बांहो में बांहें डालने का दिन, किस डे यानी चुंबन का दिन, वेलेंटाइन डे यानी बचा खुचा काम करने का दिन और फोरगिवनेस डे यानी मजे लेकर छुटकारा पाने का दिन बताया गया है। बजरंग दल का कहना है कि हम किसी युगल को छुटकारा नहीं लेने देंगे और उनकी पकड़े जाने पर शादी कराई जाएगी।
हमारे कई मित्र बजरंग दल के इस कदम को विरोध का सकारात्मक तरीका मानते हैं। आपकी क्या राय है; खुलकर इजहार कीजिएगा क्योंकि मेरठ तो एक प्रतीक है लेकिन मुद्दा समूचे समाज और राष्ट्र से जुड़ा है।
24 comments:
ये लोकतांत्रिक तरीका नहीं है कि साथ घूमने पर किसी भी युगल की जबरन शादी करा दी जाए।
अजय कुमार जी की टीप से सहमत हूँ .
मुझे याद है ऑपरेशन मजनू के वह थप्पड़। लगता था कि उस गांधी बाग में कोई नहीं झांकेगा लेकिन खुशी हुई कि वह फिर गुलजार है। प्यार के तालिबानियों का क्या; उनकी तो राजनीति ही इससे चलनी है लेकिन इस बार हवनकुंड लेकर साथ चलने और प्रेमी युगल के पकड़े जाने पर शादी कराने का आईडिया मार पीट से अच्छा है।
हम चाहेंगे की वह कौन सा लोकतान्त्रिक तरीका है जिस से इस रोग से मुक्ति पायी जा सके. क्या हम उस आदम युग में वापस जायें. विदेशों में भी इस तरह का नजारा नहीं दीखता. यहाँ तो हद कर दी है.
सही कहा आपने, ऐसे लोगों से निपटने के लिए समाज को ही आगे आना होगा।
संविधान में सबको निजता का अधिकार मिला हुआ है. अफ़सोस की बात यही है कि जिन्हें संविधान और विधि की रक्षा की जिम्मेदारी दी गई है, वे भी कानून तोड़ते नजर आते है, फ़िर किस से उम्मीद कीजिएगा ? जरूरत इस बात की है कि लोगों को जागरूक किया जाए. धरम के नाम पर लोगों को पथ पढ़ने वालों को ख़ुद ही पता नहीं है कि वास्तव में धरम क्या है. हाँ, ये सही है कि जिन सभ्यताओं और संस्क्र्तियों में अभी प्यार के खुले इजहार की परम्परा और रीत नहीं है, वहां खुलेपन से बचा जाना चाहिए.
मुद्दे की गहराई ये है कि वेलेंटाइन डे का विरोध और विरोध के नये हथकडों का बाहिष्कार होना चाहिए या नहीं। बात ये है कि यहां मुद्दा वेलेंटाइन डे है ही नही। मुद्दा ये है कि मैं अपने आपको कैसे चमका सकता हूं, अब इसके लिए मुझे आपको गाली ही क्यों ना देनी पड़े। लोगो की नज़र में तो मैं आ ही रहा हूं। अब इसके लिए बहाना चाहे वेलेंटाइन डे का हो, और मजा ये कि हम अपनी संस्कृति बचा रहे है। एक मुल्ला जी नगें होकर सड़को पर दौड़ रहे थे। लोगों ने पुछा- मुल्ला जी ये क्या नंगापन फैला रहे हो, वह बोले तुम्हे नंगापन दिखाई देता है, मैं तो कसम से ईमान दुरस्त किए जा रहा हूँ।
सही लिखा है आपने। बजरंग दल या शिवसेना जैसे दल संगठन संविधान से बढ़कर तो नहीं हो सकते।
लड़की को किसी लड़के के साथ देखकर दो व्यक्ति उत्तेजित होते है एक उसका प्रेमी ,दूसरा उसका भाई! प्रेमी तो साथ मे है सो उसके उत्तजित होने का सवाल ही नही। अबभाई या पिता ही बचते हैं । वे ही अपनी बेइज्जति वर्दाशत नही कर पाते। विरोध करने वालों को तालिबानी कहना गलत है। मेरी राय मे ये लडकी के पिता या भाई हैं, जिन्हे लड़की के सम्मान की चिंता हैं।
शायद इस से उन लोगो को थोडा डर लगे जो पार्को, मे,झाडियो मे गलत हरकत करते है, सिर्फ़ उन्हे पकडे जो गलत हरकत करे , तब ठीक है वरना गलत, हवन कुंड वाला सिस्टम भी ठीक है,
देखे आगे आगे क्या होता है...
धन्यवाद
इन प्यार के दुश्मनों को लगातार तालेबानी कहने से हत्यारे और धर्मांध तालेबानियों का लेवल काफी ऊंचा उठता रहा है.
मैं ओमकार जी बात से सहमत हूँ.
संविधान में सबको निजता का अधिकार मिला हुआ है. अफ़सोस की बात यही है कि जिन्हें संविधान और विधि की रक्षा की जिम्मेदारी दी गई है
लड़की को किसी लड़के के साथ देखकर दो व्यक्ति उत्तेजित होते है एक उसका प्रेमी ,दूसरा उसका भाई! प्रेमी तो साथ मे है सो उसके उत्तजित होने का सवाल ही नही। अबभाई या पिता ही बचते हैं । वे ही अपनी बेइज्जति वर्दाशत नही कर पाते। विरोध करने वालों को तालिबानी कहना गलत है। मेरी राय मे ये लडकी के पिता या भाई हैं, जिन्हे लड़की के सम्मान की चिंता हैं।
kya koi pita ya bhai ladki ko sar-e-aam sadak par peet sakte haiN? Vaise vo bhi pita hi hote the jo ladki paida hote hi use maar daalte the.
Ye to sarasar gundagardi hai.
क्या करे भाई ?संस्क्रति के लम्बरदार ओर लठेत हर जगह फैले हुए है १४ को बेचारे ओवर लोड से परेशान रहेगे ....पर कभी कभी सोचता हूँ ...क्या १५ को संस्क्रति बचने की जिम्मेदारी ख़त्म हो जायेगी ?ओर संस्क्रति भी रोज अपनी शकले बदल लेती है .......आज़ादी के बाद से बेचारी संस्क्रति इन्ही से सबसे ज्यादा मुंह छिपाते घूम रही है ....हम तो अपनी सगी बीवी के साथ घूमने से डर रहे है..अजीब बात है हमने तो सुना है जैसे जैसे विकास आगे बढ़ता है सभ्यता भी आगे बढती है .यहाँ उल्टा हो रहा है....काहे ?वैसे इस संस्क्रति बचाओ अभियान का टेंडर कब खुलता है ?
वैसे विरोध भी प्रचार का ही एक तरीक़ा होता है।
तालिबानों के स्टैंडर्ड को बना रहने दें.
लोकतंत्र हो गया रे मारपीट तंत्र....
sabhi ko chapne ka keeda hai. choote sharon me jaaker dekhiye love birds ko milne ki jagah nahi milti to shamshaan ghat me hi mil lete hai. bhoot pyaar karne se to nahi rookte...kyun idea acha hain n janab...
वेलेंटाइन डे और तालिबानी और दिखावे वाले प्यार पर आलेख अच्छा लगा.
-विजय
बहुत सुन्दर आलेख यथार्थ को उकेरता
प्रकृति ने हमें केवल प्रेम के लिए यहाँ भेजा है. इसे किसी दायरे में नहीं बाधा जा सकता है. बस इसे सही तरीके से परिभाषित करने की आवश्यकता है. ***वैलेंटाइन डे की आप सभी को बहुत-बहुत बधाइयाँ***
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'युवा' ब्लॉग पर आपकी अनुपम अभिव्यक्तियों का स्वागत है !!!
हिमाजी,
आपकी अभिव्यक्ति अति सुन्दर है।
आभार!
आप ने देश में बाघों की सख्या की जानकारी भी चाह्ते थे लेकिन मैने उक्त जानकारी अपने ब्लॉग पर नहीं दी है क्योकि बाघो की गणना का वैज्ञनिक पद्धति अभी विदेशो जैसी हमारे यहाँ प्रयोग में नहीं है। अधिकांशतः प्रांतों में 'पद चिन्ह" (pug mark)विधि हीं प्रयोग में है, जिससे सिर्फ अनुमान लगया जा सकता है। मैने आपके सुझाव को अमल में लाते हुए गैंड़ों की सख्या दे दी है।
ध्यान आकृष्ट कराने के लिये धन्यवाद।
सच्चे प्यार के लिये तो अच्छा ही है शादी हो जाना .
लेकिन किसी की शादी कोई और कराये यह बात कुछ हज़म नहीं हो रही.
और किसी दिन का विरोध क्यों नहीं हो रहा ?
और खजुराहो के मन्दिर क्यों कला के प्रतीक हैं?
वहाँ खराबी क्यों नहीं लग रही.
क्यों प्रेम विवाह को खराब समझा जाता है .
इस पर खुली बहस होनी चाहिये.
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