मेरठ में एक प्रेम दीवानी खालिदा से पूजा हो गई। अपना प्यार पाने के लिए उसने मजहब की दीवारें गिरा दीं। अपने पड़ोसी राजदीप के सामने वाली खिड़की में रहने वाली खालिदा जब राजेश के दिल में बसी; उसे चांद का टुकड़ा लगी तो दोनों ने मिलन के बीच आने वाली हर दीवार को गिराने का फैसला किया। राजदीप अपना धर्म छोड़कर मुस्लिम धर्म अपनाने को तैयार था लेकिन खालिदा ने पूजा बनकर मजहब की दीवार गिराई और विधिवत विवाह कर लिया। लेकिन अब ये विवाह दोनों की जान की मुसीबत बन गया है।इस प्रेमी युगल को देखकर हर कोई यही कहेगा कि रब ने बनाई जोड़ी..... लेकिन ये जोड़ी अब जान बचाती हुई घूम रही है। युवती के घरवालों ने पहले तो अपनी बेटी को नाबालिग बताते हुए युवक और उसके घरवालों के खिलाफ अपहरण की नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन जब युवती ही अपने घरवालों के खिलाफ हाईकोर्ट में बोल गई तो जमानत मिलने से बौखलाए युवती के घरवाले दोनों को जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। मेरठ के शास्त्री नगर इलाके के रहने वाले राजदीप और खालिदा के प्यार की सजा राजदीप के परिवार को भी भुगतनी पड़ रही है। इसी मामले में अपहरण के आरोप में जमानत पर जेल से छूटकर आए राजदीप के माता-पिता कहते हैं कि यदि उनके उत्पीड़न का सिलसिला नहीं रुका तो वे अपनी जान दे देंगे।राजदीप चौधरी चरणसिंह यूनीवर्सिटी के सर छोटूराम इंजीनियरिंग कालेज से बीटेक की पढ़ाई कर रहा है और खालिदा ने इंटरमीडिएट किया है। दोनों पड़ोसी हैं और जवानी की दहलीज पर पैर रखते-रखते दोनों की आंखे चार हुईं। पींगे बढ़ने लगीं और दोनों एक दूसरे को दिलोजान से चाहने लगे। दोनों जानते थे कि उनके मौहब्बत को मंजिल मिलना आसान नहीं हैं क्योंकि दोनों के बीच मजहब की दीवार थी। दोनों जानते थे कि उनके घरवाले इस रिश्ते के लिए तैयार न होंगे लेकिन राजदीप ने अपने घरवालों को तैयार कर लिया। राजदीप हर हाल में अपनी मोहब्बत को हासिल करना चाहता था और यही हाल खालिदा का भी था। इसी बीच राजदीप ने खालिदा से कहा कि यदि उसके घरवाले निकाह को तैयार हों तो वह धर्म परिवर्तन करने को तैयार है लेकिन खालिदा अपने घरवालों को जानती थी लिहाजा उसने कहा कि वह राजदीप को अपना शौहर बनाना चाहती है इसलिए ये काम वह करेगी।....और एक दिन दोनों अपने-अपने घरों की दहलीज से निकलकर विवाह के बंधन में बंधने के लिए चले गए। खालिदा ने मजहब की दीवार तोड़ी और वह खालिदा से पूजा बन गई और फिर विधिवत तरीके से दोनों विवाह के बंधन में बंध गए। उनके प्रेम को मुकाम मिल गया लेकिन इसके साथ ही दोनों पर टूटना शुरू हुआ मुसीबतों का पहाड़।राजदीप के प्रेम को तो उसके परिवार ने सहमति दे दी थी लेकिन खालिदा के घरवाले इसे पचा नहीं पाए। उसके वकील पिता ने काला कोट पहनकर सीधे-सीधे अपनी बेटी को नाबालिग बताते हुए अपनी बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करा दी। रिपोर्ट में सिर्फ राजदीप को नहीं बल्कि उसके माता पिता और बड़े भाई को भी नामजद किया। राजदीप और पूजा बनी खालिदा तो पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े लेकिन पुलिस ने राजदीप के माता-पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अपने सास-ससुर को जेल भेजे जाने की खबर मिलने पर पूजा उर्फ खालिदा हाइकोर्ट की शरण में पंहुची और अपने बालिग होने के प्रमाणपत्र के साथ अपनी मर्जी से विवाह करने का शपथ पत्र दिया लिहाजा उसके सास-ससुर को जमानत मिली और कानून की नजर में फरार राजदीप और उसके भाई की गिरफ्तारी पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी।भले ही राजदीप की गिरफ्तारी पर रोक लग गई हो और उसके माता-पिता को जमानत मिल गई हो लेकिन अभी उनके सामने खड़ा मुसीबतों का पहाड़ कम नहीं हुआ है। पूजा उर्फ खालिदा के पिता ने दोनों का जीना हराम कर रखा है और प्रेमी युगल को हर तरह से भुगत लेने की धमकियां मिल रहीं हैं। प्रेमी युगल ने मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है और पूजा बनी खालिदा राष्ट्रीय महिला आयोग से गुहार लगाने की तैयारी कर रही है। देखना है कि इन प्रेम पुजारियों को अभी कितनी मुसीबतें झेलने को मिलती हैं।
अब आप बताइए कि खालिदा और राजदीप का ये कदम ठीक था या नहीं? अगर आप ठीक मानते हैं तो ये भी सुझाव दीजिए कि वह अपनी जान कैसे बचाएं।
अब आप बताइए कि खालिदा और राजदीप का ये कदम ठीक था या नहीं? अगर आप ठीक मानते हैं तो ये भी सुझाव दीजिए कि वह अपनी जान कैसे बचाएं।