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Tuesday, February 11, 2020

प्रेम के मौसम में कवि केदारनाथ सिंह की प्रेम पर कविता




हिंदी कविता के यूट्यूब चैनल इर्द-गिर्द पर प्रेम के मौसम में सुनिए कवि केदारनाथ सिंह की प्रेम पर कविता। साहित्यकार केदारनाथ सिंह की कविता 'आना' प्रेम की कविता है। प्रेम में आसक्ति के भावों पर लिखी गई यह साहित्यिक हिंदी कविता अद्वितीय है। बसंत ऋतु में प्रेम की कोंपलें उपजती हैं तो प्रेम की कविता का सृजन होता है। यह बसंत प्रेमकविता भी है और वेलेंटाइन डे प्यार की कविता भी। सुनिए केदारनाथ सिंह की काव्यकृति।

केदारनाथ सिंह की हिंदी कविता- आना

आना
जब समय मिले
जब समय मिले
तब भी आना
आना
जैसे हाथों में

आता है जाँगर
जैसे धमनियों में
आता है रक्त
जैसे चूल्हों में
धीरे-धीरे आती है आँच
आना

आना जैसे बारिश के बाद
बबूल में जाते हैं
नए-नए काँटे

दिनों को
चीरते-फाड़ते
और वादों की धज्जियाँ उड़ाते हुए

आना
आना जैसे मंगल के बाद
चला आता है बुध
आना

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तकनीकी सहयोग- शैलेश भारतवासी

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