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Sunday, August 10, 2008

काहे बसे उत्तर परदेस

हमारे एक दोस्त हैं दिल्ली के एक बड़े और इलीट टीवी चैनल में बड़े पद पर हैं। जब से दिल्ली आये हैं तबसे ही वापस अपने मध्य प्रदेश लौटने की बात करते रहे हैं। लेकिन सात-आठ साल पहले बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिये जब दिल्ली में ही बसने का इरादा बनाया तो पता चला कि बात हाथ से निकल चुकी है और अब दिल्ली में मकान खरीदना बूते से बाहर है। थक-हारकर बाकी हिंदी पत्रकारों की तरह उनको भी दिल्ली से लगती गाज़ियाबाद की कॉलोनियों में सहारा मिला। आजकल वैशाली के एक बहुमंज़िला अपार्टमेंट में रहते हैं और हर छोटे बड़े काम के लिये दिल्ली आते-जाते रोज़ किलसते हैं। हालांकि उनके रोज़ के सफर में उत्तर प्रदेश की सड़के और आबोहवा महज़ दो किलोमीटर की होती हैं लेकिन ये दो किलोमीटर ही उन्हें खून के आंसू रुला देता है। घर लौटते समय २० किलोमीटर दिल्ली में सफऱ के बाद वैशाली यानी उत्तर प्रदेश यानी यूपी आ गया ये पता करने के उनके पास कई तरीके हैं।

समझ लो यूपी आ गया

दिल्ली से उत्तर प्रदेश सीमा में आम तौर पर दो रास्तों से घुसता हूं, एक गाज़ीपुर से सीधे दिल्ली गेट (एईज़ेड के पास) होकर और दूसरा आनंद विहार बस अड्डे से होकर मोहननगर रोड पर।
(१).दिल्ली में कदम-कदम पर रास्ता दिखाने वाले हरे बोर्ड जब नीले दिखने लगें यानी उन पर बहुजन समाज पार्टी के छुटभैये नेताओं के बड़े-बड़े पोस्टर नज़र आने लगें तो समझ लो यूपी आ गया।
(२). सड़क आधी तो टूटी हो और आधी पर ठेले खड़े हों या फटफट वाले बीचे में धुंआ उड़ाते हुए सवारियां खींच रहे हों तो समझ लो यूपी आ गया।
(३). सड़क के बीचोंबीच पुलिस चौकी बनी हो उसकी खुली खिड़की से गंदी बनियान पहने तीन-तार तोंद वाले पुलिसिये बीड़ी फूंकते दिखें तो समझ लो यूपी आ गया।
(४). बॉर्डर पर बनी पुलिस चौकी के सामने नीला झंडा लगी कोई आलीशान गाड़ी खड़ी हो और सफेद लकदक कपड़े पहने नेता चौकी में बैठा कोक पी रहा तो तो समझ लो यूपी आ गया।
(५). सीमा पर कदम-कदम पर ५-६ तरह के चेक पोस्ट बने हों और हरेक के सामने गाड़ियों की वजह से जाम लगा हो तो समझ लो यूपी आ गया।
(६). चेक पोस्ट पर तैनात लंबे-लंबे डंडे लिये बदमाश नुमा युवक हर आती-जाती गाडी के पीछे भागते दिखें तो समझ लो यूपी आ गया।
(७). लालबत्ती के सामने विज्ञापन बोर्ड लगे हों और बत्ती को देखे बिना गाड़ी आ जा रही हों और ट्रैफिक वाला पास ही ठेले पर खड़ा पराठे डकार रहा हो और आती–जाती गाड़ियों को नाटक की तरह देख रहा हो तो समझ लो यूपी आ गया।
(८). लाल बत्ती की गाड़ी देखते ही ट्रैफिक पुलिस वाला बे वजह सीटी बजाने लगे और एक्टिव नज़र आये तो समझ लो यूपी आ गया।
(९) आने वाली सड़क पर जाती गाड़ियां दिखें और जाने वाली पर आती तो समझ लो यूपी आ गया।
(१०). हमेशा ही उल्टी दिशा से बिना हेलमेट लगाये और तीन लोगों को स्कूटर-मोटरसाइकिल पर बिठाये कोई पुलिस वाला दिखे तो समझ लो यूपी आ गया।
(११). सड़क किनारे हेलमेट की दुकान तो खूब दिखें लेकिन कोई हेलमेट लगाये नज़र ना आये तो समझ लो यूपी आ गया।
(१२). दो गाड़ियां आपस में टकरा गईं हों और दोनों के मालिक सड़क पर ही भिड़ गये हों और आते-जाते लोग हॉर्न पर हॉर्न मारे जा रहे हों तो समझ लो यूपी आ गया।
(१३). कोई बुजुर्ग, महिला या बीमार मुसाफिर से रिक्शा वाला सामान्य से दो गुना किराया मांग रहा हो और सवारी गिड़गिड़ा रही हो तो समझ लो यूपी आ गया।
(१४). बीच सड़क पर ऑटो खड़ा हो उसमें बैठी दो महिलायें झुंझला रही हों और ऑटो वाला सड़क किनारे खुले आम नंबर एक में व्यस्त हो तो समझ लो यूपी आ गया।
(१५). अच्छे से अच्छे शॉक एब्ज़ार्बर वाली गाड़ी चलती हुई कम और उछलती हुई ज्यादा नज़र आये तो समझ लो यूपी आ गया।
(१६). एक तरफ जनरेटर से चमकते भीमकाय मॉल्स दिखें और दूसरी तरफ बदबू मारते कचरे के पहाड़ तो समझ लो यूपी आ गया।
(दुख-दर्द की अगली किस्त भी जल्द ही)

तकनीकी सहयोग- शैलेश भारतवासी

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