Friday, May 24, 2019

whatsapp status, modern hindi poem by sarveshwar



कविता : भेड़िए की आंखें सुर्ख हैं

भेड़िए की आंखें सुर्ख हैं।
उसे तबतक घूरो
जब तक तुम्हारी आंखें
सुर्ख हो जाएं।

और तुम कर भी क्या सकते हो
जब वह तुम्हारे सामने हो?

1 comment:

Mariah J said...

Appreciiate this blog post

तकनीकी सहयोग- शैलेश भारतवासी

Back to TOP