Monday, December 30, 2019

New Year Poem in Hindi, खुशियां मनाएं नए साल में





हिंदी यूट्यूब चैनल इर्द-गिर्द पर सुनिए कुमार अनिल की हिंदी ग़ज़ल कविता- आप खुशियां मनाएं नए साल में। यह हिंदी ग़ज़ल या हिंदी कविता नए साल में वस्तुतः आपको हमारी शुभकामनाएं हैं। हमारी कामना है कि आप सदा हंसे मुस्कराएं नए साल में। नए साल पर हिंदी कविता का आनंद लीजिए। कामना है कि नए साल की कविता की हर एक पंक्ति आपके जीवन में सार्थक हो।

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आप खुशियाँ मनाएँ नए साल में
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आप खुशियाँ मनाएँ नए साल में
बस हँसे, मुस्कुराएँ नए साल में

गीत गाते रहें, गुनगुनाते रहें
हैं ये शुभ-कामनाएं नए साल में

रेत, मिटटी के घर में बहुत रह लिए
घर दिलों में बनायें नए साल में

अब बातें दिलों की दिलों में रहें
कुछ सुने, कुछ सुनाएँ नए साल में

जान देते हैं जो देश के वास्ते
गीत उनके ही गायें नए साल में

भूल हमको गए हैं जो पिछले बरस
हम उन्हें याद आयें नए साल में

Saturday, December 7, 2019

Famous Ghazal By Dushyant Kumar on Classic Youtube Hindi Channel IRD GIRD




खंडहर बचे हुए हैं दुष्यंत कुमार की बेहतरीन ग़ज़लें में से एक है। हिंदी में ग़ज़ल को नए मुक़ाम तक पहुंचाने वाले दुष्यंत हिंदी ग़ज़ल के लिए हिंदी कविता जगत में सदा चमकते सूरज की तरह रहेंगे।

दुष्यंत की ग़ज़ल

खंडहर बचे हुए हैं, इमारत नहीं रही
अच्छा हुआ कि सर पे कोई छत नहीं रही

कैसी मशालें ले के चले तीरगी में आप
जो रोशनी थी वो भी सलामत नहीं रही

हमने तमाम उम्र अकेले सफ़र किया
हम पर किसी ख़ुदा की इनायत नहीं रही

मेरे चमन में कोई नशेमन नहीं रहा
या यूँ कहो कि बर्क़ की दहशत नहीं रही

हमको पता नहीं था हमें अब पता चला
इस मुल्क में हमारी हक़ूमत नहीं रही

कुछ दोस्तों से वैसे मरासिम नहीं रहे
कुछ दुश्मनों से वैसी अदावत नहीं रही

हिम्मत से सच कहो तो बुरा मानते हैं लोग
रोरो के बात कहने की आदत नहीं रही

सीने में ज़िन्दगी के अलामात हैं अभी
गो ज़िन्दगी की कोई ज़रूरत नहीं रही

तकनीकी सहयोग- शैलेश भारतवासी

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