Wednesday, August 26, 2020

नई हिंदी ग़ज़ल सुनिए, देखो तो हर कदम पे खड़ा एक सवाल है


हिंदी के श्रेष्ठ यूट्यूब चैनल इर्द-गिर्द पर हरि विश्नोई की एक और नई हिंदी ग़ज़ल सुनिए- देखो तो हर कदम पे खड़ा एक सवाल है- आंखें मुंदी निज़ाम की भारी बवाल है। हिंदी भाषा के सुपरिचित कवि-लेखक हरि विश्नोई इस रचना में लिखते हैं- आखिर ये रहनुमा हैं या लूट का जरिया, हर एक जुबां पे आज यही एक सवाल है। हमें विश्वास है कि हिंदी के श्रेष्ठ यूट्यूब चैनल इर्दगिर्द पर आपको हमारी यह पेशकश पसंद आएगी।

Classic youtube hindi channel Ird Gird present a new Ghazal in Hindi by Hari Vishnoi. This Hindi New Ghazal on present situation is very heart touching and hard-hitting too.

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हिंदी ग़ज़ल

 

देखो तो हर कदम पे खड़ा एक सवाल है

आंखें मुंदी निज़ाम की भारी बवाल है

 

महफूज़ क्यों नहीं है चमन में कली जनाब

हैवानियत में किस लिए भारी उबाल है

 

सारा उजाला छीन कर जबरे निगल गए

अंधियार में गरीब का जीना मुहाल है

 

चमके हैं सिर्फ चंद महल देखिए हुजूर

झुग्गी में रहने वाले क्यों इतने बेहाल हैं

 

आखिर ये रहनुमा हैं या लूट का जरिया

हर एक जुबां पे आज यही एक सवाल है

Friday, August 7, 2020

हरि विश्नोई की नई हिंदी ग़ज़ल, आपकी है सियासत चले आइए।



हिंदी के श्रेष्ठ यूट्यूब चैनल इर्द-गिर्द पर हरि विश्नोई की नई हिंदी ग़ज़ल सुनिए- आपकी है सियासत चले आइए, आपकी है रियासत चले आइए। हिंदी भाषा के रचनाकार हरि विश्नोई इस रचना में लिखते हैं- हम तो सपनो से ही पेट भर लेंगे अब, सिर्फ इतनी है चाहत चले आइए।उम्मीद है हिंदी क्लासिक यूट्यूब चैनल इर्दगिर्द पर आपको हमारी यह पेशकश पसंद आएगी।

तकनीकी सहयोग- शैलेश भारतवासी

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