हिंदी के श्रेष्ठ यूट्यूब चैनल इर्द-गिर्द पर हरि विश्नोई की एक और नई हिंदी ग़ज़ल सुनिए- देखो तो हर कदम पे खड़ा एक सवाल है- आंखें मुंदी निज़ाम की भारी बवाल है। हिंदी भाषा के सुपरिचित कवि-लेखक हरि विश्नोई इस रचना में लिखते हैं- आखिर ये रहनुमा हैं या लूट का जरिया, हर एक जुबां पे आज यही एक सवाल है। हमें विश्वास है कि हिंदी के श्रेष्ठ यूट्यूब चैनल इर्दगिर्द पर आपको हमारी यह पेशकश पसंद आएगी।
Classic youtube hindi channel Ird Gird present a new Ghazal in Hindi by Hari Vishnoi. This Hindi New Ghazal on present situation is very heart touching and hard-hitting too.
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हिंदी ग़ज़ल
देखो तो हर कदम पे खड़ा एक सवाल है
आंखें मुंदी निज़ाम की भारी बवाल है
महफूज़ क्यों नहीं है चमन में कली जनाब
हैवानियत में किस लिए भारी उबाल है
सारा उजाला छीन कर जबरे निगल गए
अंधियार में गरीब का जीना मुहाल है
चमके हैं सिर्फ चंद महल देखिए हुजूर
झुग्गी में रहने वाले क्यों इतने बेहाल हैं
आखिर ये रहनुमा हैं या लूट का जरिया
हर एक जुबां पे आज यही एक सवाल है
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