Friday, December 31, 2010

नव वर्ष - शुभकामनायें

समृद्धि , सुख, शांति के लेकर नव उपहार,
दो हज़ार ग्यारह खड़ा, मित्र आपके द्वार।

याद पुराने वर्ष की, रहे न कोई टीस
नए वर्ष के साथ हों ईश्वर के आशीष ।

नव आशा, नव कल्पना, नव चिंतन नव शोध
नया वर्ष दे आपको, नव जीवन का बोध ।

नव उमंग, संकल्प नव, मन में नव विश्वास
नया सूर्य लेकर उगे , नित्य नया उल्लास ।

सरस, सुवासित 'अनिल' का मिले सदा स्पर्श
यही हमारी कामना, शुभ हो नूतन वर्ष ।



दो गज़लें

(१)
नए वर्ष की नयी सुबह का स्वागत कर लें
नए सोच से, नई तरह का स्वागत कर लें

दिल के जिस कोने में कोई दर्द छिपा हो,
आओ मिल कर उसी जगह का स्वागत कर लें

बांधे है जो अनदेखे बंधन में हमको
स्नेह डोर की उसी गिरह का स्वागत कर लें

बिना वज़ह मिलता है कोई कहाँ किसी से
चलो आज तो किसी वज़ह का स्वागत कर लें।

(२)

आप खुशियाँ मनाएँ नए साल में
बस हँसे, मुस्कुराएँ नए साल में

गीत गाते रहें, गुनगुनाते रहें
हैं ये शुभ-कामनाएं नए साल में

रेत, मिटटी के घर में बहुत रह लिए
घर दिलों में बनायें नए साल में

अब न बातें दिलों की दिलों में रहें
कुछ सुने, कुछ सुनाएँ नए साल में

जान देते हैं जो देश के वास्ते
गीत उनके ही गायें नए साल में

भूल हमको गए हैं जो पिछले बरस
हम उन्हें याद आयें नए साल में

कुमार अनिल

3 comments:

अविनाश वाचस्पति said...

हम ही पहुंचते हैं
साल के द्वार पर
एक हिन्‍दी ब्‍लॉगर पसंद है

गिरधारी खंकरियाल said...

सुंदर प्रस्तुति . आपको नव वर्ष की मंगल कामनाएं करते है

anupam goel said...

bahut hi sunder shabdo ko piroya hai naye saal k saath.
aap ko naye saal ki hardik shubhkaamnaayein.

तकनीकी सहयोग- शैलेश भारतवासी

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