Thursday, December 23, 2010

बापू के इस देश में

बापू के इस देश में, छाये हिंसक लोग|
जिस जानिब भी देखिए, बढ़ा द्वेष का रोग||
बढ़ा द्वेष का रोग, अजब संयोग बनाते|
जब चाहें, दीवाली, आदमख़ोर मनाते|
अत्याचार, अनीति बने सत्ता के टापू|
जान बचाने, फिर से आ जाओ ना बापू||

नवीन सी चतुर्वेदी

6 comments:

Chandar Meher said...

अहिन्सा का पुजारी इसी देश में हिन्सा का शिकार हुआ कैसी विडम्बना है....सुन्दर कविता....

Barthwal said...

सच है कुछ तो होगा अब

www.navincchaturvedi.blogspot.com said...

चंदर मेहर जी और प्रति भैया बहुत बहुत उत्साह वर्धन के लिए|

राज भाटिय़ा said...

जनता को तो बापू ने तीन बंदर बना दिया ना वो देखती हे, ना इन्हे सुनती हे, ना इन्हे कुछ कहती हे, बस भुगत रही हे बापू की तरह..... अब इसे बापू नही...... नेता जी सुभाष चंद्र, भगत सिंह, ओर ऎसे नेता ही बचा सकते हे इन हराम खोरो चोरो से....... वर्ना देश गया नरक मे,

Anonymous said...

ACHCHHA LIKHTE HO LIKHA KARO. hamare blog par padharo

www.navincchaturvedi.blogspot.com said...

भाई राज भाटिया जी एवम् रोबाटिक्स जी आभार|

तकनीकी सहयोग- शैलेश भारतवासी

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