Monday, September 30, 2019

The Rebel Urdu Poet Faiz Ahmed Faiz Ghazal, Kab Thaharega Dard Ae Dil




The rebel Urdu poet Faiz Ahmed Faiz is very much popular in Hindi. Although Faiz Sahab wrote in Urdu and Punjabi. Faiz Ahmed Faiz Ghazal- 'Kab Thaharega Dard Ae  Dil' is a masterpiece of his poetry. Enjoy on ird gird channel, Urdu Ghazal in Hindi with meaning of difficult words. You may read and listen here Faiz Shayari in Hindi with English meanings.

इर्द-गिर्द पर उर्दू शायरी हिंदी में हम प्रस्तुत करते रहे हैं। इस बार फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ साहब की बहुचर्चित ग़ज़ल 'कब ठहरेगा दर्द दिल कब रात बसर होगी' प्रस्तुत कर रहे हैं। उम्मीद है कि इस नायाब ग़ज़ल के बेमिसाल शेर आपके दिल की गहराइयों को स्पर्श कर उद्वेलित करेंगे। आप इस स्टेटस वीडियो को अपने सोशल साइट्स पर भी उपयोग कर सकते हैं।



कब ठहरेगा दर्द दिल कब रात बसर होगी
सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर होगी

कब जान लहू होगी कब अश्क गुहर होगा
किस दिन तिरी सुनवाई दीदा--तर होगी

कब महकेगी फ़स्ल--गुल कब बहकेगा मय-ख़ाना
कब सुब्ह--सुख़न होगी कब शाम--नज़र होगी

वाइ'ज़ है ज़ाहिद है नासेह है क़ातिल है
अब शहर में यारों की किस तरह बसर होगी

कब तक अभी रह देखें क़ामत--जानाना
कब हश्र मुअ'य्यन है तुझ को तो ख़बर होगी

Tuesday, September 24, 2019

Faiz Shayari In Hindi, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के 6 तड़पते हुए शेर




बेमिसाल शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के 6 शेर या 6 अशआर इर्द-गिर्द में प्रस्तुत हैं। उर्दू शायरी हिंदी में बेहद लोकप्रिय है और सोशल साइट्स पर स्टेटस वीडियो बहुत पसंद किए जाते हैं। इर्द-गिर्द पर प्रस्तुत ये बेमिसाल शेर आप अपने स्टेटस पर लगाकर अपने स्टेटस को क्लासिक बना सकते हैं। नीचे हमने आपकी सुविधा के लिए अशआर (शेर) और उनमें प्रयोग हुए कठिन शब्दों के हिंदी अंग्रेजी अर्थ भी दिए हैं।


इक गुल* के मुरझाने पर क्या गुलशन** में कोहराम*** मचा
इक चेहरा कुम्हला**** जाने से कितने दिल नाशाद हुए

*फूल, flower **बाग, garden ***हाहाकार या विलाप, Lamentation, weeping, crying aloud ****मुरझाना, wilt


अब जो कोई पूछे भी तो उस से क्या शरह--हालात* करें
दिल ठहरे तो दर्द सुनाएँ दर्द थमे तो बात करें

*हालात की व्याख्या, interpretation of circumstances

कब ठहरेगा दर्द--दिल कब रात बसर* होगी
सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर** होगी

*sight, vision, insight. दृष्टि, नज़र  **सबेरा, सुबह, morning

कब तक दिल की ख़ैर मनाएँ कब तक रह दिखलाओगे
कब तक चैन की मोहलत** दोगे कब तक याद आओगे

*राह, stay  **समय सीमा, respite, time, leisure

गर* बाज़ी इश्क़ की बाज़ी** है जो चाहो लगा दो डर कैसा
गर जीत गए तो क्या कहना हारे भी तो बाज़ी मात नहीं

*अगर, if **शर्त, bet

वो बात सारे फ़साने* में जिस का ज़िक्र था
वो बात उन को बहुत नागवार** गुज़री है

*कल्पित साहित्य, किस्सा, कहानी, stories
**अप्रिय, जो अच्छा लगे, distasteful, unpleasant


क़फ़स* उदास है यारो सबा से कुछ तो कहो
कहीं तो बहर--ख़ुदा आज ज़िक्र--यार चले

*पिंजरा, देह, शरीर, cage, prison

तकनीकी सहयोग- शैलेश भारतवासी

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