The rebel Urdu poet Faiz Ahmed Faiz is very much
popular in Hindi. Although Faiz Sahab wrote in Urdu and Punjabi. Faiz Ahmed
Faiz Ghazal- 'Kab Thaharega Dard Ae Dil'
is a masterpiece of his poetry. Enjoy on ird gird channel, Urdu Ghazal in Hindi
with meaning of difficult words. You may read and listen here Faiz Shayari in
Hindi with English meanings.
इर्द-गिर्द पर उर्दू शायरी हिंदी में हम प्रस्तुत करते रहे हैं। इस बार फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ साहब की बहुचर्चित ग़ज़ल 'कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी' प्रस्तुत कर रहे हैं। उम्मीद है कि इस नायाब ग़ज़ल के बेमिसाल शेर आपके दिल की गहराइयों को स्पर्श कर उद्वेलित करेंगे। आप इस स्टेटस वीडियो को अपने सोशल साइट्स पर भी उपयोग कर सकते हैं।
कब
ठहरेगा
दर्द
ऐ
दिल
कब
रात
बसर
होगी
सुनते
थे
वो
आएँगे
सुनते
थे
सहर
होगी
कब
जान
लहू
होगी
कब
अश्क
गुहर
होगा
किस
दिन
तिरी
सुनवाई
ऐ
दीदा-ए-तर होगी
कब
महकेगी
फ़स्ल-ए-गुल कब बहकेगा मय-ख़ाना
कब
सुब्ह-ए-सुख़न होगी कब शाम-ए-नज़र होगी
वाइ'ज़ है न ज़ाहिद है नासेह है न क़ातिल है
अब
शहर
में
यारों
की
किस
तरह
बसर
होगी
कब
तक
अभी
रह
देखें
ऐ
क़ामत-ए-जानाना
कब
हश्र
मुअ'य्यन है तुझ को तो ख़बर होगी
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