डाउनलोड करने का खेल है बड़ा मजेदार। अगर कोई व्यक्ति डाउनलोड करना नहीं जानता तो वह निरा मूर्ख है। ऐसा मैं नहीं नई पीढ़ी कहती है। मोबाइल है, तो डाउनलोड करना आना ही चाहिए। एक से एक लेटेस्ट रिंग टोन, गाने, आवाजें और न जाने क्या-क्या। अब जब इतनी मेहनत होगी, तो इसका मजा अकेले उठाया जाए यह भी तो ठीक बात नहीं है न। तो फिर क्या करें। तो भैया, ये मोबाइल में जो फूलटू साउंड किसलिए दिया गया है। मोबाइल में अब बात कौन करता या सुनता है। यह या तो अब दूसरों के कान फोड़ने के काम आता है या फिर टिपिर-टिपिर मैसेज भेजने के। तुम कहां हो, मैं यहां हूं, खाने में क्या बना है, मिलना कहां है, फिल्म कौन सी देखनी है, पापा पास में खड़े है, फोन मत करो या फिर रात में मां जाग जाएगी इसलिए एसएमएस पर ही बात करो। यह सब मोबाइल पर ज्ञान का तड़का नहीं है। यह डाउनलोड यात्रा की प्रस्तावना है। हां तो खूब मेहनत कर के, पैसा खर्च कर के गाने डाउनलोड किए हैं, तो किसी को तो सुनाने पड़ेंगे न। यदि आप एअरकंडीशन कार में बैठ कर कहीं आने-जाने के आदी हैं, तो यह बात आपको वैसी ही समझ में नहीं आएगी, जैसे बेवाई न फटने पर समझ नहीं आती है। हां तो अपने वाहन में चलने वाले जरा पीछे हो जाएं। ब्लूलाइन, रोडवेज की बसोंऔर झोंगों में चलनेवालों को कृपया आगे आने दें।
इन तमाम सुविधा संपन्न साधनों में बैठते ही बस माला की शुरूआत हो जाती है। बस में बैठे नहीं कि जनता बताने लगती है कि नया गाना कौन सा है। किसी कोने में तेरा सरापा... का श्राप भी पूरा नहीं होता कि जिने मेरा दिल लुटिया की लूट शुरू हो जाती है। बस वाला मालिक है, इसलिए वह ऐसे कैसे पीछे रहेगा। उसका एफएम सरकारी है, सो ओ फिरकी वाली तू कल फिर आना की तान छेड़ता रहता है। अगर गाना समझ न आए तो आपकी बला से। उसी वक्त ठीक बगल वाला जाग जाता है। आखिर वह कैसे आपको ऐसे ही बिना संगीत के रस में डुबाए छोड़ दे। उसने भी डाउनलोड किया है और सात रुपए प्रति गाने के हिसाब से अपना कैश कार्ड फूंका है। भीड़, पसीने और कंडक्टर की चकर-चकर के बीच कुछ भी कहिए आपको अगर तुम मिल जाओ सुनना ही पड़ेगा। अगर आप नहीं मिल पाते तो कम से कम उसे यह दिलासा तो रहे कि उसने आपको अपना पसंदीदा गाना तो सुना दिया। लड़कियां बगल में हों, तो मुंह से गाना गा कर छेड़ने में खतरा रहता है, लेकिन अब अगर मोबाइल में बजेगा, तो कोई मां की लाली क्या बिगाड़ लेगी, सिवाय घूरने के। बस में कोई सिंह हो न हो किंग सभी होते हैं। और कुछ न मिले तो नए-नए रिंग टोन ट्राय करने के बहाने बेकार ही शोर मचाते रहो। मोबाइल न हुआ जी का जंजाल हो गया। अब जब अगली बार आप नए गाने डाउनलोड करें तो यह मत भूलना कि आपकी भी कहीं इस आदत पर जय हो... हो हो रही होगी।
इन तमाम सुविधा संपन्न साधनों में बैठते ही बस माला की शुरूआत हो जाती है। बस में बैठे नहीं कि जनता बताने लगती है कि नया गाना कौन सा है। किसी कोने में तेरा सरापा... का श्राप भी पूरा नहीं होता कि जिने मेरा दिल लुटिया की लूट शुरू हो जाती है। बस वाला मालिक है, इसलिए वह ऐसे कैसे पीछे रहेगा। उसका एफएम सरकारी है, सो ओ फिरकी वाली तू कल फिर आना की तान छेड़ता रहता है। अगर गाना समझ न आए तो आपकी बला से। उसी वक्त ठीक बगल वाला जाग जाता है। आखिर वह कैसे आपको ऐसे ही बिना संगीत के रस में डुबाए छोड़ दे। उसने भी डाउनलोड किया है और सात रुपए प्रति गाने के हिसाब से अपना कैश कार्ड फूंका है। भीड़, पसीने और कंडक्टर की चकर-चकर के बीच कुछ भी कहिए आपको अगर तुम मिल जाओ सुनना ही पड़ेगा। अगर आप नहीं मिल पाते तो कम से कम उसे यह दिलासा तो रहे कि उसने आपको अपना पसंदीदा गाना तो सुना दिया। लड़कियां बगल में हों, तो मुंह से गाना गा कर छेड़ने में खतरा रहता है, लेकिन अब अगर मोबाइल में बजेगा, तो कोई मां की लाली क्या बिगाड़ लेगी, सिवाय घूरने के। बस में कोई सिंह हो न हो किंग सभी होते हैं। और कुछ न मिले तो नए-नए रिंग टोन ट्राय करने के बहाने बेकार ही शोर मचाते रहो। मोबाइल न हुआ जी का जंजाल हो गया। अब जब अगली बार आप नए गाने डाउनलोड करें तो यह मत भूलना कि आपकी भी कहीं इस आदत पर जय हो... हो हो रही होगी।
19 comments:
आपने भी एक रिंगटोन जैसी पोस्ट झिलवा दी। आपकी भी जय हो, जय हो....।
अच्छी पोस्ट लिखी है आपने। लोग अपनी जेब भी खाली कर रहें हैं और दूसरे झेलने को अभिशप्त हैं।
बहुत सही लिखा आपने.
रामराम.
आप की पोस्ट पढ कर तो ऎसा लगा कि मै सचमुच मै किसी बस मै बेठ गया हूं, ओर सभी मुझे अपने अपने गीत सुना रहे है...
बहुत ही सुंदर ढंग से आप ने यह पोस्ट लिखी, पढ कर मजा आया हंसी भी आई.
धन्यवाद
हरी जी ,
आकांक्षा जी का चुटीला व्यंग्य पढ़वाने के लिए साधुवाद .
आकांक्षा जी को भी मेरी बधाई .
हेमंत कुमार
आकांक्षा का स्वागत. डाउनलोड कथा बड़ी सुन्दर थी. आभार.
आकांक्षा, इस एक और मंच पर आपका स्वागत!
डाउनलोड अनंत
डाउनलोड कथा अनंता
आकांक्षा पारे ने
पारे की तरह
डाउनलोड को
कर दिया है डाउनलोड
यह लुक आउट नहीं है
लुक यह ताजा है।
आकांक्षा अपनी झुग्गी में रास्ता बनाओ
पोस्ट लगाओ
हम भी आएंगे
वोट मांगने नहीं
पोस्ट पढ़ने
बिन मांगे राय देने
यही रिवाज भारत में आज है।
क्या दामिनी के साथ आपसे ही मुलाकात हुई थी 9
Brilliant, evocative piece. Thank you, Akanksha.
aakakansha,
aapki post padhwane ke liye pahle to main joshi ji ka shukriya karonga. aapne theek kaha hai. sach hai. mobile jee ka janjaal ban gaya hai.
आकांक्षा, इस एक और मंच पर आपका स्वागत.....
अच्छी पोस्ट लिखी है ....बधाई .
यह बहुत ही महत्वपूर्ण और आवश्यक है हम उन चीजों और बातों को रेखांकित करना सीखें जो जबरन हमारी जिन्दगी में घुसी चली आ रही हैं। आकांक्षा को इस जागरूकता के लिए बधाई।
आकांक्षा जी
"आइए डाउनलोड करें" पोस्ट पढ़ कर अच्छा लगा
बधाई
- विजय
आकांक्षा जी वैसे तो मैं आपसे परिचित नहीं हूँ लेकिन मेरे आदरणीय गुरु जोशी जी के ब्लॉग में आपकी पोस्ट पढ़ कर काफी अच्छा लगा.. अपने जिस हास्य व चुटीले अंदाज़ में मोबाइल के दुस्प्रभावो पर लिखा है वो विचार मंथन का विषय है.. उम्मीद है आपके लेख इसी तरह पढने को मिलते रहेंगे..
चुटीलापन और विचारोत्तेजना साथ साथ
क्या बात है,
ज्ञानवर्धक पोस्ट
Aakansha
Laga indore se mandsur jane wali bus ke safer ke kahani hai.achi hai
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