Sunday, March 3, 2019

सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की प्रेम कविता चले नहीं जाना बालम

1 comment:

Vandana Agarwal said...

सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की यह शानदार प्रेम कविता है। आनंद आ गया। पर आज के दौर में यह मनुहार कल्पित ही है। प्रभावित करता है आपका वाचन।

पुरालेख

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