Thursday, June 4, 2020

आज के हालात पर हिंदी कविता सुनिए, ज़रा ज़ोर से चिल्लाओ सरकार बहरी है




आज के हालात और आज की सियासत पर हिंदी कविता सुनिए - ज़रा ज़ोर से चिल्लाओ सरकार बहरी है। इर्द-गिर्द पर अपर्णा पात्रिकर ने अपनी हिंदी ग़ज़ल में मौजूदा दौर पर कहा है- समझदार खूब समझते है इस बात को, तरक्की मुल्क की कहां पर क्यूं ठहरी है। कुछ सवाल उठाये हैं उन्होंने और कुछ जवाब भी दिए हैं। जैसे- होशियार रहना कि चाल बहुत गहरी है या समझदार खूब समझते है इस बात को, तरक्की मुल्क की कहां पर क्यूं ठहरी है।
classic youtube hindi channel ird gird present a Hindi Poem By Aparna Parrikar - Jaraa Jor se chitao, Sarkar Bahri ha.

होशियार रहना कि चाल बहुत गहरी है
ज़रा ज़ोर से चिल्लाओ सरकार बहरी है

बचाओगे कैसे ख़ुद को सोच कर रखो
वही है कातिल भी, जो तुम्हारा पहरी है

समझदार खूब समझते है इस बात को
तरक्की मुल्क की कहां पर क्यूं ठहरी है

तंगी हालात है वो साफ़ नज़र आते है
सिक्का तो खोटा है बस रंग रूपहरी है

तो गए हो मगर उम्मीद ना रखना
दिखावे का इंसाफ़, नाम की कचहरी है

सफ़र में मुश्किलें तो अभी आनी बाक़ी है
नंगे पांव चलना है और सर पर दुपहरी है

कहां से कैसे से छिपाओगे मुफलिसी अपनी
गिरती हुई दीवार पर तस्वीर सुनहरी है

वाजिब नहीं मुत्मइन होना इतनी जल्दी
जो मिजाज़ है आवाम का, ज़रा लहरी है

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पुरालेख

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