इस
शनिवार
इर्द-गिर्द चैनल पर जाने-माने रचनाकार निर्मल गुप्ता की व्यंग्य कथा सुनिए- फादर्स-डे, ग्रहण ,योग और उदास दिन। आज सुनिए अपर्णा पात्रिकर से धारदार व्यंग्य कथा। हम यह भी कह सकते हैं कि हिंदी कहानी सुनिए।
रचना
के
दो
अंश-
-बिटिया करतब दिखाएगी। देखोगे तो देखते रह जाओगे। कई दिन से हम लोगों ने कुछ न खाया। खा-कमा लेने दो साहबजी। आदमी ने विनती की।
-चल–चल कल आना। वे योगादि में बिज़ी हैं, तब तक तू हवा-पानी के सहारे सब्र कर। पिता-बेटी ने एक दूसरे की ओर देखा और उदासी का दुशाला लपेट वापस लौट चले।
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